Budget 2025 For Electric Vehicles: जैसा कि आपको पता है कि आज 1 फरवरी 2025 को बजट पेश किया गया है, इस बजट में इलेक्ट्रिक व्हीकल को लेकर कई महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किया गया है, साथ ही यह जानकारी की भी घोषणा की गई है कि इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में कमी की जाएगी। जिसकी वजह से इलेक्ट्रिक वाहन भारत में बढ़ेंगे और भारी मात्रा में पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है।
ईवी सेक्टर को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा बेहद अच्छे कदम उठाए जा रहे हैं। जिसके मुताबिक बताया जा रहा है कि 2026 तक भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल की संख्या बहुत ज्यादा बढ़ेगी। जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने से भारी मात्रा में बचाया जाएगा। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन की कीमत किस प्रकार से कम की जा रही है, आइए इस पर विचार करते हैं।
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Budget 2025 For Electric Vehicles
सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत में कमी को लेकर बड़ा फैसला किया गया है। ऐसे में ऑटो सेक्टर जिसके अंदर 2024 में काफी सस्ती देखने को मिली थी। ऐसे में अब रफ्तार देखने को मिलने वाली है। इस बार के बजट में सरकार ने ऑटो कंपनी के साथ-साथ आम जनता की जेब का भी ध्यान रखा है। इलेक्ट्रिक गाड़ियां सस्ती होने का फायदा उन लोगों को मिलेगा जो, नया इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने का प्लान बना रहे हैं, साथ ही इलेक्ट्रिक कंपनी की सेल्स भी बहुत तेजी से बढ़ाने वाली है।
2025 में भारत सरकार के बजट में ऐलान किया गया है कि वह कई जरूरी मटेरियल जिनका उपयोग बैटरी और इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाए जाने में इस्तेमाल होता है। उनके दामों में कमी की जाएगी। जिस वजह से इलेक्ट्रिक वाहन काफी कम कीमत में बनेगी और जिस वजह से वाहन की कीमत कम होगी। इसके अलावा सरकार द्वारा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा। जिससे लोग भी काफी ज्यादा प्रोत्साहित होंगे।
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बेसिक कस्टम ड्यूटी हटाने की मिली जानकारी
इलेक्ट्रिक कारों को बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले 35 एडिशनल चीजों पर से कस्टम ड्यूटी को हटाने का ऐलान किया गया है। जिसकी सहायता से मोबाइल फोन बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल की जाने वाले 28 चीजों पर से ड्यूटी फ्री हो जाएगी और गाड़ियों की कीमत कम हो जाएगी।
नेशनल मैन्युफैक्चर मिशन में मिलेगी बढ़त
भारत सरकार की तरफ से चलाई जाने वाले मेक इन इंडिया योजना को और भी ज्यादा मजबूत बनाने के लिए राष्ट्रीय मैन्युफैक्चरिंग मिशन को मजबूत करने के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है। इसके अलावा स्टार्टअप के लिए दिए जाने वाले लोन की सीमा को 10 करोड रुपए से बढ़ा दिया गया है। जिसे 20 करोड रुपए कर दिया गया है। यह सहायता स्टार्टअप को 27 विभिन्न क्षेत्रों में दी जाएगी। इसका असर भारतीय ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में देखने को मिलने वाला है।
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