Second Hand Electric Car: सेकंड हैंड इलैक्ट्रिक कार खरीदने से पहले इन 4 बातों का रखे ध्यान

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Second Hand Electric Car: भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों का डिमांड काफी ज्यादा देखने को मिल रहा है। ऐसे में बहुत सारे लोग हैं जो, सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार को खरीदना पसंद कर रहे हैं। ऐसे में यदि आप भी एक शानदार सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहते हैं तो, आपके लिए आज का यह लेख काफी खास होने वाला है।

किसी भी सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार को खरीदने से पहले उसमें कुछ महत्वपूर्ण जानकारी का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो, आपको आगे चलकर काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए आज इस लेख में चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया गया है। जिसका ध्यान रख कर आपको एक सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदना चाहिए तो, आइए जानते है कौन से है यह मुख्य बिंदु।

बजट का रखे ध्यान

यदि आप भारत में इलेक्ट्रिक कार खरीदे या पेट्रोल, डीजल, या सीएनजी सेकंड हैंड कार खरीदें आपके पास अच्छा बजट जरूर होना चाहिए। ऐसे में यदि आप एक सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदने का विचार कर रहे हैं और आपको एक अच्छे कंडीशन में इलेक्ट्रिक कार चाहिए तो, आपके पास अच्छा खासा बजट उपलब्ध होना चाहिए।

Second Hand Electric Car में बैट्री है ज्यादा जरूरी

कोई भी इलेक्ट्रिक कार फुल चार्ज होने के बाद कितनी रेंज प्रदान करेगी, उसकी बैटरी कंडीशन पर निर्भर करता है, ऐसे में पुरानी इलेक्ट्रिक कार लेते समय बैटरी की कंडीशन को जरूर चेक करें, इस बात का ध्यान रखें कि बैटरी हेल्थ सही होनी चाहिए, क्योंकि एक इलेक्ट्रिक गाड़ी का मुख्य हिसा बैटरी होता है, अगर एक कार की बैटरी खराब होती है तो, बैटरी बदलाये जाने पर लाखों रुपये का खर्चा पड़ सकता है।

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चेक करे सर्विस हिस्ट्री

बहुत से लोग हैं जो, अपने कार की सर्विस सही समय पर नहीं करवाते हैं। जिस वजह से कार की परफॉर्मेंस समय के अनुसार खराब हो जाता है। ऐसे में आपको सेकंड हैंड इलेक्ट्रिक कार खरीदते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि जिस कार को आप खरीद रहे हैं, उस कार की सर्विस टाइमिंग सही समय पर हुई है या फिर नहीं। इसके अलावा आपको गाड़ी का ओवरऑल कंडीशन जरूर देखना चाहिए।

लीगल तरीके से करे ओनरशिप ट्रांसफर

चाहे आप इलेक्ट्रिक कार ले रहे हो या पेट्रोल डीजल इसके ओनरशिप ट्रांसफर को लीगल तरीके से करना चाहिए। कार के सभी पेपर वर्क पूरे हो जैसा की आरसी ट्रांसफर आदि। यदि कार का ट्रांसफर लीगल तरीके से नहीं हुआ तो, कार खरीदने के बाद आप मुश्किल में पड़ सकते हैं, ऐसे में इस बात का जरूर ध्यान रखें।

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